"अब तुम खुश हो ना!!"
छिप-छिप कर स्टेटस देखते हो, खुदको तस्वीरों मे निहारते हो, मंद-मंद मुस्काते हो, फिर ग़ुस्सा प्रतीत मुझपर कर जाते हो, अंदर-ही-अंदर खिल-खिलाते हो। सुनो तो! अब तूम ख़ुश हो ना!! ब्लॉक ख़ुद ही करते हो, स्टेटस दिखाने को दूसरों से पूछते हो, नहीं करूंगा मैसेज आज से कभी, रक्षित तो कर लो सही, मेरे लिए परायों को माध्यम तो ना बनाओ सही। किसी के कविता का शृंगार हो, किसी के जीवन का आधार हो, किसी का मार्ग-दर्शक हो , तो किसी के सफर का पतंग हो। ये सब, कला सीखा जाते हो। सुनो तो! अब तुम ख़ुश हो ना!! हो चाँद, चमकती सूरज सी, हो पुष्प, महकती गुलाब सी, बदलते हो ख़ुद को जैसे पानी हो, जाऊँ भी तो मैं कहाँ जाऊँ? हर जगह बस्ती जैसे छाया हो। छिप भी नहीं सकता, साँस के बिना रह नहीं सकता। जल तो आखीर जल है। माना तुम्हें, की मैं गलत हूं, दुश्मन तो नहीं हूँ! मैं कभी नहीं कहूँगा कि मेरे साथ घूमो, कभी नहीं कहूँगा कि मेरे साथ बैठो, पार्टी करो, पर मेरे साथ बैर तो ना करो, दो-चार शब्द तो करो। सुनो तो! अब तुम ख़ुश हो ना!! मुस्कुराहटों से मैं, आखों की नमी छुपा लेता हूँ । हकीकत मे ना सही, ख़्वाबों मे मैं तुम्हें पा लेता हूँ ।। सुनो तो! अब तुम खुश हो ना!! अपनों से आँखें माँग जाते हो। ना समझने पे जावा का प्रोग्राम समझाते हो। सुनो तो! अब तुम खुश हो ना!! ब्लॉक लिस्ट मे मैं रहता हूं, फ़िर भी मैं ख़ुश रहता हूँ। बार-बार प्रोफाइल खोलता हूँ। अपडेट होकर फ़िर मैं वापस हो जाता हूँ। मुस्कुराता हूं यह सोच कर, इस भीड़ मे मैं आज भी अलग हूँ। कहीं तो मेरा याद का पिटारा, सबसे अलग है। तभी तो मैं तेरे लिए सबसे अलग हूँ। तभी तो मैं तेरे लिए सबसे अलग हूँ। सुनो तो! अब तुम खुश हो ना!! अब तुम खुश हो ना!!
              -सत्यम् कुमार सिंह
Nice poem, suggested by sarauv cobra
ReplyDeleteThanks 😊
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