"वक़्त के साथ"
कहते हैं- वक़्त के साथ-साथ चलना
वक़्त कमबख्त, वक़्त के साथ बदल जाता है
वक़्त के साथ-साथ नजरें भी कमजोर होने लगती है
मग़र वक़्त के साथ-साथ, नजरिया भी निखर आता है
वक़्त के साथ-साथ, भूगोल भी बदलते देखा है
इतिहास भी बदलते देखा है
वक़्त के साथ-साथ बदल जाती है राहें, तो कभी चाह,
बदल जाती है उम्मीदें, ज़ज्बात भी
बदल जाते हैं रिसते-नाते
हमने तो वक़्त के साथ-साथ मज़हब भी बदलते देखा है
बदल जाता है यहाँ हर कोई, हमने तो बदलते इंसान भी देखा है
मग़र, मग़र
हमने माँ का प्यार बदलते नहीं देखा
❤️U 😍 Mummaaa...
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