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8. "है क्या कसूर इतना बता"


8."है क्या कसूर इतना बता"


मैं पूछना चाहता हूं तुमसे एक सवाल, हे प्रेयसी!
मेरे दिल की धड़कन को तुमने ना पहचाना,
है क्या कसूर इतना बता,
मैंने प्यार किया है, कोई खता नहीं.

तुमने जो मुझसे कह दिया,
वो तो कभी सच हुआ नहीं,
उठता है सवाल मुझपर, अब भी कहीं,
फुर्सत मिले तो बताना कभी, कहीं,
मैंने प्यार किया है, कोई खता नहीं.

अगर लिखा मैंने तुम्हें प्रपोजल,
किया प्रयास बार-बार.
तो है क्या कसूर इसमे, इतना बता,
मैंने प्यार किया है, कोई खता नहीं.

सभी तलाशते भगवान हैं-पत्थरों में,
हमने तलाशा भगवान है-इंसानों में,
माना कि मैं देखता हूँ एक टक,
नजरे हटती नहीं हटा लेता हूँ झक-भक,
है क्या कसूर इतना बता,
मैंने प्यार किया है, कोई खता नहीं.

बोलो तो मैं डूबकिया लगा आऊँ,
गंगा स्नान कर आऊँ,
सारी पाप धुल जाए तो?
कुंभ स्नान कर आऊँ.
है क्या कसूर इतना बता,
मैंने प्यार किया है, कोई खता नहीं.         -Satyam_Devu




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