फ्राड? बेईमानी, चोरी?
10 रु की चीज को दस करोड़ का बताकर, बैंक में गिरवी रखके, करोड़ो कर्ज लेने वाले को क्या कहेंगे?
हिंडनबर्ग यही बता रहा है।
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जब शेयर मार्केट में किसी शेयर के दाम नकली रूप से बढ़ाये जाते है, तो आम इन्वेस्टर के फायदे के लिए नही बढ़ाये जाते।
क्योकि कम्पनी के 25 शेयर मार्केट में है, तो 75 मालिक के पास। अगर बाजार में 25 शेयर का मूल्य सौ गुना हो जाये, तो 75 शेयर का मूल्य भी सौ गुना हो जायेगा।
तो प्राइज बढ़ने से इन्वेस्टर की कम, मालिक की वेल्थ ज्यादा बढ़ती है।
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यह वेल्थ है- शेयर
और ये शेयर है- महज एक कागज
जो कल बाजार में 10 रु का था, आज 10 करोड़ का दिख रहा है। तो मालिक अपने शेयर गिरवी रखकर, 10 करोड़ के असली नोट उठा सकते हैं।
तो ये यह हुआ, पीतल को सोना बताकर बेचने का फ्रॉड।
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और इस फ्रॉड को पकड़ कर, सजा दिलाने की जिम्मेदारी जिस संस्था की थी, उसकी कर्ता धर्ता खुद ही इस फ्रॉड में शामिल है..
जो फंड इन शेयरों की कीमत नकली रूप से बढा रहा था, उस फंड में इनका भी पैसा लगा है।
यह बात हिण्डन बर्ग की नई रिपोर्ट कह रही है।
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हिंडनबर्ग अपनी रिपोर्ट, पब्लिक डोमेन में मौजूद दस्तावेजों की पड़ताल करके देता है।
याने जो रिपोर्ट कम्पनियां खुद ROC के देते है। वेबसाइट में डालते है, या अन्य फर्मों से आदान प्रदान करते हैं।
ऐसे में उसके आंकड़े अकाट्य है। कम्पनियों द्वारा स्व-स्वीकार्य हैं। उसकी रिपोर्ट के डिनायल का मतलब यह है कि वो खुद ही अपनी रिपोर्ट डिनाय कर रहे हैं।
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हिन्डनबर्ग से बचाव के लिए इसके खिलाफ बोली जाने वाली मूर्खतापूर्ण बाते कुछ इस तरह की हैं...
1- यह विदेशी संस्था है। अमेरिकी है, सीआईए है, एलियन है, दुष्ट भारत से जलता है।
जवाब- उस सब मान लिया। आंकड़े सच है, या झूठ, आप वो बताओ। सच, देशी या विदेशी नही होता।
और अगर झूठ है, तो कम्पनी खुद झूठ बोल रही है। आखिर उसी के आंकड़े, और जानकारी तो कोट की जा रही है।
2- हिन्दनबर्ग ऐसी रिपोर्ट के बाद शार्ट सेल करता है, पैसे कमाता है।
जवाब- स्मगलिंग की सूचना देकर माल पकड़वाने वाले को 10% इनाम मिलता है। अब सूचना देने वाला इनाम के लालच में करता है, या देशप्रेम से ओत प्रोत होकर, यह बात बकवास है।
पुलिस को अब स्मगलर को पकड़ना चाहिए , की सूचना देने वाले को ही लालची होने का इल्जाम लगाकर खारिज कर दोगे??
2- ये देश की अर्थव्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश है।
जवाब -ये बात 100% सच है। अडानी इज इंडिया, इंडिया इज अडानी। उसके शेयर गिरने से देश एकदम बर्बाद हो जाएगा।
क्योकि वह जबरन शेयर के दाम बढ़ाकर, बढ़े दाम पर गिरवी रख के, अरबो करोड़ लोन लेता है, इसी से तो हमारी अर्थव्यवस्था चल रही है।
वर्ना बाकी तो भड्ड है। कर्जा आकाश पर खड़ा है, रुपया पाताल में। बस अडानी ही अर्थव्यवस्था है। देश के बाकी 140 करोड़ नागरिक, लाखो फैक्ट्री, व्यापारी, कर्मचारी और 10 लाख कम्पनियां तो बस घुइयां छील रही हैं।
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जो लोग बात बात पर कहते है, की फलाना खदान बिक रही है, खरीद लो, वरना न कहना कि अडानी ने खरीद लिया..
उनसे अनुरोध है कि पीतल जैसे शेयर को सोना बताकर, गिरवी रखवाकर दो चार लाख करोड़ का असली नोट मुझे भी दिलवा दो। सेबी से संरक्षण भी दिलवा दो।
फिर रेल, भेल, तेल, जेल सब खरीद लूंगा, और तुमको एक हजार करोड़ कमीशन भी दे दूंगा।
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दरअसल मोदी और हिंदुत्व की रक्षा करते करते ये बनबूचड़ों की जमात, कब अडानी के पन्ना प्रमुख बन गए, इन्हें पता ही न चला।
देश के प्रमुख पदों पर चाटुकार, बेईमान, इंकम्पेटेंट और धूर्त लोग बिठाये गए हैं। एक अलग ही धूर्त लोक बना दिया गया है, जो आपस एक दूसरे के काले कारनामो का पालन पोषण करते हैं।
और भाजपा-आरएसएस, ट्रोल और तमाम इनके टूलकिट, इस धूर्तलोक के सुरक्षाकर्मी बन गए हैं।
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क्या केशव बलिराम हेडगेवार ने सोचा होगा, कि वो सारा मन्त्र, यंत्र और तंत्र जो बना रहे हैं, वह सौ साल बाद बस, एक आदमी की गुलामी कर जेब भरने का सिस्टम बन जायेगा।
और वो सावरकर, जो 60 रुपये के लिए पूरी नेकनामी मिट्टी में मिला लिए। सोने के भाव पीतल बेचने वाले को देख कब्र में कितना उलटते पुलटते होंगे।
क्योकि ये दो चेहरे, आरएसएस नाम के वृक्ष का सबसे मीठा फल हैं।
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