2."चाह"
ऐ हवा!
मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ,
तुम्हारी आँखे कितनी तेज़ दृष्टि वाली हैl
दूर-दूर तक देख लेते हो तुम,
सायद मुझे भी देख लेते होगे तुमll
मैं वो मिट्टी का धूल हूँ,
जो उड़ चला हू तुम्हारे साथ,,
पता नहीं क्या होगा मेरे साथ,
साँसे रही तो, मैं जग में समाउँगा,
नहीं तो, धूल हु, मिट्टी मैं समाजाउंगा ll
3.कास मैं मुँहफट होता |
4.ऐ हवा |
5.मैं आज भी मुस्कुरा रहा हूँ |
1.हालात |
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