गुस्से से लाल हो गईं थी इंदिरा गांधी...
* जिम्बाब्वे में पाकिस्तानी राष्ट्रपति से मिली थीं इंदिरा गांधी।
* जिम्बाब्वे ने साल 1980 में तत्कालीन PM इंदिरा गांधी को अपने स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। उस कार्यक्रम में पाकिस्तान के तत्कालीन जनरल 'जिया उल हक' ने भी शिरकत की थी। हरारे के एक होटल में इंदिरा गांधी, जिया उल हक समेत दुनिया के तमाम बड़े नेता ठहरे हुए थे.
* जनरल जिया उल हक ने संदेश भिजवाया कि वे इंदिरा गांधी से मिलना चाहते हैं।
* भारत के पूर्व विदेश मंत्री और इंदिरा गांधी के ऑफिस में काम कर चुके नटवर सिंह ने अपनी किताब वॉकिंग विद लायंस में लिखा है कि जिया उल हक खुद इंदिरा गांधी से मिलने आए।
* जनरल जिया उल हक से मजाकिया लहजे में इंदिरा गांधी ने कहा, "दुनिया आपको लोकतांत्रिक कहती है और मुझे तानाशाह."
पाकिस्तानी राष्ट्रपति पर हो गईं थी गुस्सा!
* नटवर सिंह लिखते हैं कि दोनो देश के नेताओं में काफी बातें हुई और जाते-जाते जिया उल हक ने इंदिरा गांधी को एक किताब गिफ्ट की।
* इंदिरा गांधी ने जब उस किताब को खोला तो वह गुस्से से लाल हो गईं क्योंकि उसमें एक नक्शा छपा था, जिसमें कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया था।
* नटवर सिंह बताते हैं कि वो खुद उस किताब को एक विरोध नोट के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भेजे थे।
इंदिरा जी का जन्म और कुछ जानकारी बातें
भारत के प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी का जन्म जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू के घर में 19 नवंबर 1917 में हुआ, बात करें इंदिरा गांधी जी के दादाजी का नाम मोतीलाल जी नेहरू जो की बहुत बड़े वकील थे उस टाइम और इंदिरा गांधी जी का जन्म आनंद भवन में हुआ।
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* इंदिरा गांधी जी के समय में 14 बड़े बैंकों को राष्ट्रीयकृत किया गया, तांबा कोयला रिफाइनरी स्टील, सूती वस्त्र पर भी उन्होंने कार्य किया। इंदिरा गांधी जी ने इस तरह के कार्य कर महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। उनके सख्त फैसलों के कारण ही उन्हें आयरन लेडी के नाम से जाना जाता है।
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* इंदिरा गांधी जी को आयरन लेडी के नाम से भी जाना जाता था उनके फैसला के कारण और इंदिरा गांधी जी की असली राजनीतिक शुरुआत हुई 1959 में जब उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया।
क्या आपको पता है लाल बहादुर शास्त्री जी के कैबिनेट में इंदिरा गांधी जी शामिल थी या नहीं?
- हाँ, इंदिरा गांधी जी लाल बहादुर शास्त्री जी के मंत्रिमंडल (कैबिनेट) में शामिल थीं। उन्होंने 1964 से 1966 तक सूचना एवं प्रसारण मंत्री (Minister of Information and Broadcasting) के रूप में कार्य किया।
लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्होंने इंदिरा गांधी को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। यह पद उनके लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि इससे उन्हें प्रशासनिक अनुभव मिला, जो बाद में उनके प्रधानमंत्री बनने में सहायक सिद्ध हुआ।
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इंदिरा गांधी जी ने देश को खाद्य आपूर्ति के लिए आत्मनिर्भर बनने का पूर्ण प्रयास किया और उसी समय हरित क्रांति जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए और उस समय बहुत अच्छी स्थिति नहीं थी जब भारत में इंदिरा गांधी जी प्रधानमंत्री बने थे तब हमारे दो युद्ध हो चुके थे।
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