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Wednesday, June 12, 2024

भारतीय रेल्वे की ये दुर्दशा! क्या अब वन्दे भारत में भी ऐसा होगा?

क्या सच में अब वन्दे भारत में भी ऐसा होने लगा है?
आप देख कर चौंकिए नहीं ये वही वन्दे भारत के जिसके लिए रेल मंत्री को अपंग बना कर मोदी जी ने झंडा दिखाना शरू किया, जिसका पूरा क्रेडिट मोदी जी ने लिया।

ये अच्छी बात है कि कोई अच्छी लग्जरी ट्रेन भी भारत की पटरी पर दौड़ पाया। इसमें हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए कि भारत में सबसे पहले luxury train "दी पैलेस ओन व्हील्स" 1982 में ही राजस्थान में चली थी जो एक टूरिस्ट ट्रेन थी। 


मग़र-परंतु तो इसके साथ भी होना ही चाहिए। 
इसका फ़ायदा गरीबो को हुआ या अमीरों को?? 
जितना ज्यादा फ़ायदा अमीरों को नहीं मिला उससे ज़्यादा नुकसान गरीबो का हुआ, गरीब औऱ मिडिल क्लास लोग जैसे उसकी बराबरी करने को चाहने लगे वो अपने अस्तर को जनरल से स्लीपर, स्लीपर से ऐसी में जाने लगे तभी सरकार ने वन्दे भारत पर फोकस कर आमिर वर्ग को अपनी और खींचना चाहा, इससे हुआ क्या? गरीब लोगों को यह खुशी मिली कि ऐसा ट्रेन हमारे देश में भी चल रहा है, औऱ ये देखते ही देखते सोशल मीडिया के ज़माने में selfie point में बदल गया और आम लोगों तक सरकार ने समर्थन बटोरा। इसका भाड़ा आम लोगों के जेब से बाहर है ठीक वैसे जैसे Business Man (यानी बड़े restaurant वाले किसी समान का दाम इसप्रकार से रखते हैं जिससे कि आम लोग वहाँ ना पहुँच पाए, पहुंचे भी तो कभी एक बार अपना शौक पूरा करने) इससे धीरे-धीरे आम लोगों और अमीर वर्ग के बीच अपने आप एक रेखा तैयार हो जाता है।

Gagan Pratap ji लिखते हैं X पर
' रेलवे 🤦‍♂️ 
लखनऊ में वंदे भारत पर बिना टिकट यात्रियों का कब्जा। 
आपको बता दें कि यह इस समय भारत की सबसे अच्छी ट्रेन है। 🥺
अगर BEST ट्रेन का ये हाल है तो आप सोच भी नहीं सकते कि बाकी ट्रेनों का क्या हाल होगा😫😫'

[ इसमे कब्जा शब्द का प्रयोग किया गया है, उनको इस विषय पर सोचना चाहिए। 
उनका दुःख भी जायज है कि देश की सबसे अच्छी facility provide करने वाली ट्रेन का यदि ये हाल रहेगा तो अन्य ट्रेन का क्या ही हाल रहेगा।.] 

वन्दे भारत भी कई बार 17-17 घंटे लेट रहता है, फ़िर लोग इतना खर्च क्यूँ करते हैं वो भी इसका फ़ायदा प्राइवेट कंपनी(The Kolkata-based Titagarh Rail Systems Ltd) को मिलता है। 

मैं पूछना चाहता हूं क्या ये ट्रेन भारत सरकार अपने दम पर नहीं चला सकती थी?? 

अब मैं फ़िर वापस आता हूं अपने points पर :-
इसका गरीबो को क्या फ़ायदा मिला? 
*गरीबो का अलग class बना रहेगा जिससे दोनों के बीच असमानता दिखेगा 
*गरीबों का ट्रेन रोक कर वन्दे भारत को निकाला जाता है जिससे पता चलता है कि आम पब्लिक के समय का महत्व नहीं है? 
इसके जगह यदि ऐसा होता कि आम ट्रेन को रोका नहीं जाता और दोनों अपने तय समय में पहुंचता। 
*अच्छे ट्रेन में सुरक्षा कर्मी को रखा जाता है जबकि यह सभी ट्रेनों में रखा जाना चाहिए था? 
*क्या भारत सरकार सभी को सही से बैठ कर जाने का भी प्रबंध नहीं कर सकती है? की आम लोग अपना टिकट ले कर सभी आराम से बैठ कर जा सके। ये सभी को पता है जनरल में लोग luggage रखने के स्थान पर बैठ कर सफ़र करते हैं, और रात को तो नीचे फ़र्श पे, bathroom के बाहर सोता दिखता है। Railway विभाग इसके लिए क्या विचार करती है? 
*सभी ट्रेन में साफ़-सफ़ाई एक तरह होना चाहिए था जनरल ट्रेन में कभी फर्श गन्दा होता है तो कभी toilet, तो कभी पंखा भी नहीं चल रहा होता कभी कभी तो toilet में पानी भी नहीं रखता है। लगता है maintenance ना के बराबर होता है। क्या ये सब train ticket में include नहीं होता है? 
*क्या सभी train में पीने के लिए Railway के द्वारा authorised पानी नहीं मिलना चाहिए? जनरल को तो छोड़िए स्लीपर में भी बाहरी पानी(local water bottle) बेचा जाता है जो कि 10-15 का होना चाहिए तो वो 20 तक वसूलता है। 

कुछ लोग बोलते हैं जनरल में रुपया कम लगता है, कितना अच्छा सुविधा चाहते हो? तो इसपर मैं कहूँगा इसका रेट सरकार तय करती है तो वो हिसाब लगाकर के ही तय करते होंगे। 
[Railway को नियमित रूप से टिकट का जाँच कराना चाहिए इससे Railway को और फ़ायदा हो सकता है।] 
फ़िर मैं वापस आता हूँ आमिर क्लास पर
*जब exam का टिकट आता है तो आप क्या करते हैं? किसमें सफ़र करते हैं? 
*अचानक से तबीयत खराब हो या आपको अचानक से कहीं जाने का निर्णय लेना हो तब आप किसमें सफ़र करने आते हैं? 
*ऐसी sleeper में sheet ना मिले तब आप क्या करते हैं? 
*जब आप दिन का सफ़र कर रहे हों महज 4-5 घंटे का तब क्या आप स्लीपर लेना चाहते हैं? 
*यदि आपको अच्छी शीत, साफ-सफाई अच्छी मिले तो आप तो क्या आप जनरल में सफ़र नहीं करना चाहेंगे? 


इसमे जो भी लिखा गया है वो मेरे आँखों देखा दृश्य से उठता सवाल है? आप भी इसे रोजाना देखते हैं मग़र बोलते नहीं हैं लिखते नहीं हैं। 
बन्दे भारत की तरह इस स्तिथि की वीडियो बनाते नहीं हैं, यदि आप इसे अच्छा करना चाहें तो कर सकते हैं, इसके लिए सभी को आगे आना होगा इसपर बोलना पड़ेगा, लिखना पड़ेगा, इसपर ढेरों vídeo बनाइये और आम लोगों को इसके लिए समझाइए। 




"वंदे भारत की चमचमाती तस्वीरों को तो खूब शेयर करतें हैं @AshwiniVaishnaw जी क्या आपके आईडी में इस तस्वीर को भी थोड़ी जगह मिलेगी..? 

जंक्शन पर तिरंगा झंडा लगा देना विकास का मापक नहीं हो सकता है। देश के नागरिकों को उचित सुविधा देने में भी आप सक्षम नहीं हैं।

रेलवे में रोजगार भी ख़त्म ही कर चूकें हैं। धन्य हो आप जैसा मंत्री हमें फिर से मिला है।"


[जर्मनी की ट्रेन का ये वीडियो देखिए. वहां की जनता भेड़ बकरियों की तरह सफर कर रही है. अब सोचिए हम कितना सुख भोग रहे हैं. हमें वर्ल्ड क्लास सुविधा मिल रही है. सोचते हुए धन्यवाद जरूर कहें.]
इसमें कितने लोग आपको अमीर घर के दिखते हैं?

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